सत्ताविहीन नेता की “चुनावी चाल”

"व्यंग्य" सत्ताविहीन नेता की “चुनावी चाल”

एक सत्ताविहीन नेता अपने साथियों को चुनावी चाल के बारे में भाषण दे रहा है l व्यंग के माध्यम से हमने उसको प्रस्तुत करने का प्रयास किया है l

साथियों चुनाव का शंखनाद हो गया है l अबतक आपने जो भी समय और धन अपने राजनीतिक जीवन में लगाया है, उसको सूद समेत वापस पाने का मौका अब आपके सामने है अर्थात् चुनाव में जीत ही आपका एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए, तभी यह संभव है l साथियों एक बात हमेशा याद रखना कि चुनाव केवल बातों और वादों से ही जीता जाता है l जितनी बड़ी बात और जितना बड़ा वादा होगा जीत उतनी ही बड़ी होगी l मोदी जी और केजरीवाल जी इसके ताज़ा उदाहरण हैं l मोदी जी ने राष्ट्रीय स्तर पर कोई काम नहीं किया था और केजरीवाल ने भी l इन्होंने केवल बातों और वादों से सत्ता हासिल की है l इसलिए चुनाव जीतने के लिए ये आपके प्रेरणा श्रोत होने चाहिए l जय हो l

साथियों बातों के मध्यम से वादों की झड़ी लगा दो l वादे कैसे पूरे होंगें ये सोचने का समय नहीं है l ये कभी मत भूलना की वोटर केवल अपना फ़ायदा और तात्कालिक लाभ देखता है, दूरदृष्टि उसके पास नहीं होती है l मुफ़्त, माफी, सब्सिडी और आरक्षण उसकी कमज़ोरी है l और इसी कमज़ोरी का लाभ आपको चुनाव जिताएगा l इसलिए इसमें कोई कंजूसी नहीं करना है l

मुफ़्त, माफी, सब्सिडी और आरक्षण से देश को कितना नुकसान हो रहा है ये सोचना आप का काम नहीं है क्योंकि चुनाव जिताने वाला वोटर भी इसके बारे में नहीं सोचता है l इसलिए मुफ़्त, माफी, सब्सिडी और आरक्षण आपके सबसे प्यारे शब्द होने चाहिए l इनके प्रचार एवं प्रसार में अपनी पूरी ताक़त लगा दो l राजनीति में मजबूरी के ये चार शब्द ही आप को सत्ता में मजबूती दिलाएँगें l यही चार शब्द आपको सत्ता दिला सकते हैं l

साथियों ये मत भूलो की आप अपने लिए, अपनों के लिए, देश के लिए तभी कुछ कर पाओगे जब सत्ता में आओगे और सत्ता में आने के लिए इन चार शब्दों का नियमित जाप ज़रूरी है l

साथियों, भारतीय चुनावी तन्त्र चुनाव दर चुनाव चुनावी खर्च कम होने का दावा करता है लेकिन चुनावी खर्चा चुनाव दर चुनाव बेतहाशा बढ़ता ही जा रहा है ये बात सर्वविदित है अतः आप लोग चुनावी खर्च के बंधन की बिल्कुल चिंता ना करें l

साथियों, याद रखो हमारे देश में अभी तक ऐसा कोई क़ानून नहीं है जो चुनावी वादों को पूरा करने को मजबूर करता हो l और हमें इसी क़ानून का पालन करना है l अर्थात् वादों की बाढ़ लगा दो l यदि कोई आपके वादों पर प्रश्नचिन्ह लगाता है या चुनौती देता है तो "सत्ता में आने पर हम इसको सच कर देंगें" यही जबाब आपका हमेशा होना चाहिए l

साथियों वोटर बहुत ही निर्दयी प्राणी होता है इसको जहाँ ज़्यादा फ़ायदा दिखता है वहीं लुढ़क जाता है चाहे भविष्य में उसको फ़ायदा मिले या ना मिले अतः वोटेरों को अबतक जो मिला है उसको कम बताकर उससे ज़्यादा देने का वादा करो और जो अभी तक नहीं मिला है उसको भी देने का वादा करो, कोई कंजूसी नहीं वादा ही तो करना है l साथियों निर्भीक, निडर, बेखौफ़ होकर हर उस चाल को चलो जिससे चुनावी जीत पक्की हो तभी आप सत्ता चला पाओगे l

साथियों, कुछ ज़रूरी बातें जो करनी है जैसे आज समाज में 20/50/100/200 वोटेरों पर प्रभाव रखने वाले ठेकेदार भी सक्रिय हैं इनसे भी डील ज़रूरी है l चुनाव के दौरान माता की चौकी, जागरण, जन्मदिन, शादी की सालगिरह का आयोजन भी करवाते रहिए रोज़ रोज़ l इन आयोजनों में खाने और पीने का इंतज़ाम ज़रूर रखिए क्योंकि जनता इसी के लिए आती है l अपने लोगों से अपनी जयजयकार करवाते रहिए, जनता को दिखते रहिए, हवा बनाते रहिए l

साथियों विशेष बात ये है कि आपको भूलकर भी किसी भी नेता या किसी भी पार्टी की बुराई नहीं करनी है चाहे वो किसी भी स्तर की पार्टी हो या किसी भी स्तर का नेता हो क्योंकि हो सकता है कल को हमें सरकार बनाने में इनकी ज़रूरत पड़ जाय l

वोटेरों की कमज़ोरी और आपकी चाल निश्चित रूप से आप को चुनाव जिताएगी l

जय हो आरक्षण… सब्सिडी… क़र्ज़ माफी… मूफ़्तखोरी की…!
भारतीय चुनाव प्रणाली व्यवस्था जिंदाबाद….!
वोटर की जय हो…!
नेता का भला हो…!
अंततः नेता ही मस्त होगा और…!
जनता पस्त रहेगी क्योंकि यही नियती है…!
जय हो…! देश का क्या........?


# Subhash Verma
# Feedback at  loktantralive@hotmail.com

Comments

Popular posts from this blog

ज़िन्दगी का मतलब

आज का नेता - ऑन रिकार्ड (व्यंग)

कुछ नया करते हैं ...?