भ्रष्टाचार मुक्त भारत-I
"सामाजिक" भ्रष्टाचार मुक्त भारत- I भ्रष्टाचार, लम्बे समय से देश में एक मजबूत एवं मजबूरी का सियासी मुद्दा बना हुआ है । आमतौर पर भारत में भ्रष्टाचार को तीन मुख्य श्रेणियों में बाँट सकते हैं । पहली श्रेणी में वो भ्रष्टाचार आता है जिसमें आम जनता अपना काम करने के लिए पैसों का भुगतान करती है इसमें जनता प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित रहती है दूसरी श्रेणी में वो भ्रष्टाचार आता है जो सरकारी विभाग अपने काम में करते हैं जिसमें शासन एवं प्रशासन के लोग संलघ्न रहते है इसमें आम जनता का प्रत्यक्ष तौर पर कोई सरोकार नहीं रहता है और तीसरी श्रेणी में वो भ्रष्टाचार आता है जो विदेशी मुल्कों से किसी भी प्रकार के लेन-देन से सम्बंधित होता है इसमें भी आम जनता का प्रत्यक्ष तौर पर कोई सरोकार नहीं रहता है । इसके अलावा देश में और भी तरह के भ्रष्टाचार होते हैं लेकिन हम उनकी चर्चा यहाँ नहीं करेंगें । प्रथम श्रेणी के भ्रष्टाचार में वो जगह आते हैं जहाँ रजिस्ट्रेशन होता है, अप्रूवल होता है, इनलिस्टमेन्ट होता है, लाइसेंसिंग जारी होता है, प्रमाण पत्र जारी होता है, वेरिफिकेशन होता है, प्रॉपर्टी रजिस्