ज्योतिष शक्ति
पहली बात यह कि मानव जीवन में बहुत कुछ पूर्व निर्धारित है और इसमें ज्यादा बदलाव संभव नहीं है । तभी तो कोई कितना भी प्रयास कर ले सब कुछ नहीं कर सकता जो वह सोचता या चाहता है । जो कुछ भी वह प्राप्त करता है वह अपने कर्मों के माध्यम से ही पाता है ।
दूसरी बात यह कि कर्म के साथ यदि वास्तु और मुहूर्त को मिला दिया जाय तो निश्चित रूप से कुछ ज्यादा पाया जा सकता है । यह वास्तु और मुहूर्त ज्योतिष के माध्यम से ही प्राप्त होता है ।
सदैव याद रखें कि कहते हैं कि यदि कोई कार्य सही समय पर या शुभ समय पर और एक सही दिशा में प्रारम्भ किया जाय तो उसकी सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है । साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन में अधिकतम सुःख 40% और न्यूनतम दुःख 60% निर्धारित है और इसमें परिवर्तन केवल कर्म एवं ज्योतिष के माध्यम से ही संभव है । आवश्यकता है मात्र एक ज्ञानी एवं अनुभवी ज्योतिषी की ।
आज इक्कीसवीं सदी में और इस विकसित वैज्ञानिक युग में हम यह कह सकते हैं कि ज्योतिष एक उच्च स्तर का ज्योतिषीय गणितीय विज्ञान (Astrological Mathematical Science) है क्योंकि ज्योतिष ही यह दावा कर सकता है कि समय की पुनरावृत्ति असंभव है और एक व्यक्ति के व्यक्तित्व जैसा दूसरा कोई व्यक्ति हो ही नहीं सकता । इसको हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि प्रचलित मान्यता के अनुसार विष्णु - राम - कृष्ण तीनों एक ही हैं लेकिन तीनों का चरित्र, रूप, कार्यशैली बिलकुल भिन्न भिन्न है । कारण केवल एक ही है समय और स्थान क्योंकि इन तीनों के अवतरित होने का समय और स्थान अलग हैं ।
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का संक्षिप्त परिचय, अपने प्राप्त ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव,
सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर यहाँ देने का प्रयास किया है ।
शुभकामनायें एवं अग्रिम धन्यवाद !
सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य – नामशास्त्री – अंकशास्त्री – रंगशास्त्री – वास्तु - मुहूर्त
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