आज का नेता - ऑन रिकार्ड (व्यंग)

( आज का नेता ऑन रिकार्ड क्या सोचता है और क्या बोलता है यह हमने एक पत्रकार और नेता के वार्तालाप (सवाल-जवाब) को व्यंग के माध्यम से बताने का प्रयास किया है l किसी भी बात का या शब्दों का किसी से मिलना महज़ संजोग हो सकता है या माना जायेगा l किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को ठेस पहुँचाने की हमारी बिल्कुल भी मंशा नहीं है l ) सवाल : नेता जी बाहर विजय घोष और अंदर लगातार फोन की घंटी, बधाई हो, क्या कहना है आपका ? जवाब : देखिये यही तो लोकतंत्र की खूबी है, कि लोगों को जब लम्बे समय के बाद अपने पसंद की सरकार मिली है तो वे अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करने यहाँ भरी संख्या में पहुंचे हैं और जो किन्ही कारणों से नहीं आ सके वो फोन पर अपनी ख़ुशी का इज़हार लगातार कर रहे हैं l भाई ये जनता है, इसको पूरा हक़ है अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करने का l देखिये इनको हम पर बहुत भरोसा है और ये सभी हमें बहुत प्यार करते हैं और मैं भी l सवाल : नेता जी चुनाव होते रहते हैं लेकिन जनता का कुछ होता क्यों नहीं ? जवाब : जी देखिये, जनता की उम्मीदें हर बार बढ़ जाती हैं इसलिए ऐसा लगता है कि कुछ हुआ ही नहीं l सरकार के आंकड़े उठा कर देख लीजिये सरकार का खर्चा और बजट साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है यहाँ तक की राजकोषीय घाटा भी बढ़ता जा रहा है l यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछली सरकारों ने कोई खास काम किया ही नहीं, इसलिए हम पर दबाव ज्यादा है, कोई बात नहीं हम जनता को ज्यादा से ज्यादा देंगे l सवाल : अब आप की प्राथमिकता क्या-क्या है ? जवाब : प्राथमिकता वही है जो होनी चाहिए अर्थात सबसे पहले लोगों की परेशानियों की सूची तैयार करना और उस पर अमल करने की प्रक्रिया प्रारम्भ करना l समय बहुत कम है और काम बहुत करना है, कोशिश करते हैं, जितना होगा उतना ज़रूर करेंगें l यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि पुराने कानूनों को बदलना और नए कानूनों को बनाने में ही काफी समय निकल जाता है l काम करना इतना आसान भी तो नहीं है भाई, बहुमत को साथ लेकर चलना पड़ता है, डगर कठिन है जी l सवाल : वोटर लोभी और नेता ठग है, क्या कहना है आपका इस पर ? जवाब : जी, मैं पूरी तरह आप की बात से सहमत हूँ, देखिए जनता को अपनी समस्याओं से मुक्ति पाने का लोभ तो स्वाभाविक है l हर चुनाव में उनकी कुछ अपेक्षाएं नयी सरकार से रहती हैं, इसमें लोभ वाली कोई बात नहीं हैं, ये तो उनका अधिकार हैं l दूसरी बात नेता कभी ठग नहीं होता हैं बल्कि जब जनता उनकी बात नहीं समझ पाती तब उनको मजबूरी में जनहित में कुछ झूठ जान-बूझ कर बोलना पड़ता हैं, जिसको ठग का नाम दे दिया गया है जो बिलकुल ही गलत है l सवाल : यू-टर्न लेना और थूक कर चाटने की प्रवृत्ति भारतीय राजनीति में धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, कुछ बताएंगें आप इस बारे में ? जवाब : जी, बिलकुल सही है, देखिये यह समय की मांग बन गयी है और नेता भी समाज का ही अंग है, हम लोग भी प्रकृति के साथ चलते हैं, जैसे समय-समय पर प्रकृति मौसम बदलती रहती है उसी तरह हम लोग भी जनहित में यू-टर्न लेते रहते हैं, क्या करें हमारा दिल ही ऐसा है l जनहित में यदि हमें ऐसा मौका मिलता है तो हम ले लेते हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं है l दूसरी बात जनहित में यदि थूक कर चाटने से सत्ता मिलती है तो हम एक नहीं सौ बार ऐसा करने को तैयार हैं l जन सेवा के लिए सत्ता चाहिए और सत्ता के लिए कुछ भी करेगा, ये हमारा पहला और अंतिम वसूल है l लेकिन हम तो इससे भी आगे जाने को तैयार हैं, कोई ऑफर तो लाये सत्ता में आने के लिए l सवाल : आजकल रैलियों में भीड़ काफी आ रही है, जनता जागरूक हो गयी है या देश प्रेम बढ़ गया है ? जवाब : जी, बिलकुल सही कहा आपने, जनता की जागरूकता दिनों दिन बढ़ती जा रही है साथ ही देश प्रेम भी ये सब सोशल मीडिया और मीडिया का कमाल है और मज़े की बात यह है कि इन दोनों को राजनीतिक दल नियंत्रित कर रहे हैं l देश आगे बढ़ रहा है l आपको तो मालूम है जनता और खासकर वोटर के लिए तो हम लोग कुछ भी करने को तैयार रहते हैं l वोटर हैप्पी, नेता हैप्पी, देश हैप्पी अर्थात सब हैप्पी-हैप्पी हैं l सवाल : किसान की हालत नहीं सुधरती है देश में क्या कारण हैं ? जवाब : देखिये जी ऐसा बिलकुल नहीं है आज देश में साल दर साल पैदावार बढ़ती जा रही है साथ ही फसलों के दाम भी साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं l ज़ाहिर तौर पर इसका फायदा किसान को ही मिल रहा है ना l सरकार विरोधी लोग ऐसी हवा फैलाते रहते हैं l फसल ज़्यादा हो तो फायदा और कम हो तो मुआवज़ा मिलता रहता है इनको, इस तरह आज देश में सबसे अच्छी पोजीशन इन्ही लोगों की है l आप खुद ही देख लो क्या सही है और क्या गलत l सवाल : व्यवस्था बदलती नहीं और भ्रष्टाचार समाप्त होता नहीं क्या कारण है ? जवाब : ऐसा नहीं है जी, व्यवस्था बदल रही है क्योंकि आप देखो हर जगह भीड़ बढ़ती जा रही है चाहे वो कचहरी हो, थाना हो, हॉस्पिटल हो, सरकारी दफ्तर हो या यातायात के साधन l जहाँ तक भ्रष्टाचार की बात है तो आप देखो पहले भी साल में इक्का-दुक्का को ही भ्रष्टाचार के मामले में सजा होती थी और आज भी साल में इक्का-दुक्का को ही सज़ा होती है l बढ़ती आबादी के हिसाब से यह तो कुछ भी नहीं है जी l सवाल : बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या है देश में क्या कारण है कुछ हो नहीं पा रहा इस विषय में ? जवाब : देखिये यह बिलकुल गलत है, ऐसा नहीं है कोई भूख से मरता है आज-कल क्या, नहीं ना, फिर बेरोज़गारी कहाँ है l मोबाइल की संख्या, गाड़ियों की संख्या, यात्रा में भीड़ बढ़ती जा रही है l शेयर बाजार नई ऊँचाइयाँ छू रहा है l सभी लोग कुछ ना कुछ तो कर ही रहें हैं ना l ये सब विपक्ष का प्रोपगंडा है और कुछ नहीं l चुनावी मुद्दा भर है यह और कुछ नहीं l जनता को यह बात अच्छी तरह पता है l सवाल : नेता जी आपने अपना कीमती समय हमें दिया आपका बहूत-बहूत धन्यवाद ? जवाब : अरे नहीं जी, धन्यवाद तो आपका जो आप जनता तक हमारे विचारों को पहुँचाने का काम कर रहे हैं l ऑन रिकॉर्ड जनता तक हमारी बात पहुंचती रहनी चाहिए l मिलते रहा करो भाई लेकिन ऑन रिकॉर्ड बताना नहीं भूलना नहीं तो हमारा कैरियर ही चौपट हो जायेगा l

लेखक एवं प्रस्तुति
सुभाष वर्मा
Writer-Journalist-Social Activist
www.LoktantraLive.in

loktantralive@hotmail.com

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