आधी रात

   "कविता"          आधी रात
      
श्रीकृष्ण आये आधी रात में,
महाभारत हो गया l
आज़ादी मिली आधी रात में,
बटवारा हो गया, नासूर मिल गया l
आपातकाल मिला आधी रात में,
आज़ादी के मायने बदल गए l
नोट बंदी हुई आधी रात  में,
अपने निर्णय पर भरोसा उठ गया l
जी.एस.टी. आयी आधी रात में,
व्यापारी पस्त-सरकार मस्त हुई l
तेल की कीमतें बदली आधी रात में,
पिछले निर्णय पर रोना आया l
अब डर लगता है हुक्मरानों से,
सच में, डर लगता है अब रातों से l
सुना था अच्छे दिन आएंगे ,
सो, इंतज़ार था अच्छे दिनों का l
अच्छे दिन तो आये नहीं,
रातें और ख़राब हो गयीं l     

#  Subhash Verma
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