ज्योतिष में मूल समस्या -I



ज्योतिष में मूल समस्या -I

जैसा की सर्वविदित है कि आजकल ज्योतिष एवं जातक के बीच एक अविश्वास की दिवार खड़ी हो गयी है । ऐसी स्थिति क्यों आयी है इसके लिए थोड़ा पीछे जाना आवश्यक हो गया है एक समय था जब भगवन या देवी एवं देवतागण के पश्चात समाज में ज्योतिषी ही अति पूज्यनीय व्यक्ति होता था लेकिन आजकल ज्योतिषी का नाम आते ही अधिकांशतः लोग उसको ठग एवं ढोंगी कहते हैं देखा जाय तो ज्योतिष एक आध्यात्मिक, सात्विक, आस्था एवं श्रद्धा का विषय है बल्कि यदि यह कहा जाय कि ज्योतिष का मूल आधार ही यही है तो कोई अतिश्योक्ति होगी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इसने व्यावसायिकता का रूप लेना प्रारम्भ किया और आज यह कहने या मानने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि यह लगभग पूरी तरह व्यावसायिक हो गया है और अन्य क्षेत्रों की भांति यह भी पूरी तरह व्यावसायिक मानसिकता वाले लोगों के हाथों में चला गया है, जिनकी मानसिकता इसके सहारे या माध्यम से केवल और केवल धन कमाने की होती है चाहे इसके लिए किसी की भावना ही क्यों ना आहात हो जाए लेकिन ऐसे लोगों का इन बातों से कोई लेना देना नहीं होता है

लेकिन जैसा कि हर क्षेत्र में होता है वैसी ही इस क्षेत्र में भी आज भी ज्ञानी एवं सच्चे व्यक्ति या ज्योतिषी भी मौजूद हैं और आगे भी रहेंगें । लेकिन इन लोगों की संख्या भी तेज़ी से सिमटती जा रही है । आजकल ऐसे व्यक्तियों से मिलना या सम्पर्क होना भी किसी चमत्कार से कम नहीं है । आज कोई भी संचार माध्यम हो उसका प्रभाव आम व्यक्ति के मन एवं मस्तिष्क पर काफी गहरे से पड़ता है और देर तक रहता है । उसमें भी इलेक्ट्रॉनिक मिडिया का सबसे ज्यादा प्रभाव है । आज केवल धन कमाने की मानसिकता रखने वाले ज्योतिष क्षेत्र से सम्बन्धित लोग, अपने अपने स्तर पर हर प्रकार की समस्या का समाधान करने का दावा करते हैं ।  इनकी मानें तो किसी का भी भाग्य बदलना इनके बाएं हाथ का खेल है । यही हाल धन लेकर फटाफट भविष्यफल या राशिफल बताने वालों का भी है ।

ऐसे ही लोगों का संचार माध्यम या मीडिया वाले इस्तेमाल कर अपना व्यावसायिक हित साध रहे हैं । सबसे आगे बढ़ने या ज्यादा धन कमाने की होड़ में ये किसी भी सीमा तक जाने को तैयार हैं । ज्योतिष क्षेत्र के लोगों के माध्यम से ये लोग बहुत ही सुनियोजित तरीके से लोगों में उत्सुकता, उत्तेजना, सनसनी पैदा करके पूरी तरह अपना व्यावसायिक हित साधने में लगे हैं । इनकी बातों या उपायों को अपनाने वाले लोगों को कितना भाग्य परिवर्तन हुआ या काम हुआ यह तो इनके शिकार लोग ही जानते होंगें या फिर भगवान ही जनता होगा । क्योंकि परिणामों से इनका कोई लेना देना नहीं होता है ।

आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने प्राप्त ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है I

धन्यवाद ! सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य
www.astroshakti.in




                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                           




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