ज्योतिष-जरूरी जानकारी-III
ज्योतिष-जरूरी जानकारी-III
भारतीय ज्योतिष मूलतः देश-काल-पात्र के साथ साथ ज्योतिषीय - भाव, राशि, ग्रह, नक्षत्र,
दशा, गोचर, जन्म कालीन योग पर आधारित है। इन सबकी ज्योतिषीय गणना एवं विश्लेषण (Astrological
Calculation & Analysis) से ही ज्योतिषीय परिणामों की प्राप्ति होती है। यहाँ हम यह कह सकते हैं कि यह एक गणितीय विज्ञान की गणना एवं विश्लेषण (Calculation & Analysis of Mathematical Science) है। इसके लिए केवल आवश्यकता है एक ज्ञानी एवं अनुभवी व्यक्ति की जिसको हम सभी ज्योतिषी (Astrologer) के नाम से जानते हैं।
एक नवजात शिशु के भविष्य के बारे में केवल एक ज्योतिषी ही बहुत कुछ बता सकता है, जो कि दुनिया का कोई भी विज्ञान या वैज्ञानिक नहीं बता सकता है। भारत में सभी पारंपरिक त्यौहार भी ज्योतिषीय गणना पर ही आधारित होते है और भारत सरकार भी इन्हीं को मानती है। इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि ज्योतिष एक उच्च स्तर का गणितीय विज्ञान (Super
Mathematical Science) है। लेकिन दुर्भाग्यवश समाज के कुछ शातिर लोगों ने इसे एक चमत्कार के रूप में स्थापित कर दिया है, लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि जीवन में चमत्कार की आशा रखने वाले लोभी और डरपोक लोगों का भी इसमें पूरा पूरा योगदान है ।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार मानव जीवन में अधिकतम सुख 40% होता है और न्यूनतम दुःख 60% निर्धारित है। सदैव स्मरण रहे कि मानव जीवन में अधिकाँश चीज़ें पूर्व निर्धारित होती हैं लेकिन हमें इनकी जानकारी नहीं होती है लेकिन व्यक्ति केवल अपने कर्म, वास्तु एवं ज्योतिषीय मुहूर्त के माध्यम से ही अपने जीवन में सुख एवं अनुकूलता (Happiness & Positivity) में वृद्धि और दुःख एवं प्रतिकूलता (Sadness & Negativity) में कमी कर सकता है।
# स्मरण रहे भारतीय ज्योतिष के अनुसार
मानव जीवन में अधिकतम सुख 40% और न्यूनतम दुःख 60% होता है I
आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास
भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने प्राप्त भारतीय ज्योतिष ज्ञान, ज्योतिष
शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है I
शुभकामनाओं सहित धन्यवाद !
सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य-रंगशास्त्री-नामशास्त्री-अंकशास्त्री-वास्तुशास्त्री-मुहूर्त
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