विचार शक्ति
इसमें कोई दो राय नहीं कि जीवन का आधार केवल कर्म है
। कोई भी कर्म करने के पश्चात ही कुछ परिणामों की प्राप्ति सुनिश्चित होती है । लेकिन
कोई भी कर्म करने से पहले उसकी तैयारी करनी पड़ती है और उस तैयारी से पहले मन में कोई
विचार आता है या लाना पड़ता है । अर्थात सर्वप्रथम कोई विचार मन में आता है और फिर उस
विचार को सम्बंधित कार्य की रूप-रेखा बनानी पड़ती है, तब जाकर कर्म या कार्य आरम्भ हो
पाता है और उसके पश्चात परिणाम प्राप्ति की संभावना बनती है ।
यहाँ देखा जाय तो सबसे महत्वपूर्ण विचार ही है अर्थात
विचारों की अपनी शक्ति होती है । विचार जितने अच्छे और मज़बूत होंगें कर्म की रूप-रेखा
उतनी ही अच्छी बनेगी और स्वाभाविक है कि जब दोनों ही अच्छे होंगें तो कर्म तो अच्छा
ही होगा । परिणाम स्वरुप परिणामों का अंदाज़ा सहज रूप से लगाया जा सकता है । सदैव याद
रखें कि "विचार ही मनुष्य को कार्यशील बनाते है"
अतः विचार पर विचार अति आवश्यक होता है ।
जीवन में सबके लिए और सदैव उपयोगी कुछ विचार आपके लिए
यहाँ प्रस्तुत है । यदि उपयोगी लगे तो दूसरों को भी इसका लाभ दिलवाएं ।
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