सम्भालो संबंधों को
हमारे
समाज की इमारत संबंधों की बुनियाद पर ही टिकी होती है l कोई भी सम्बन्ध लम्बे समय तक
तभी चल सकता है जब उसके लिए धीरज, धैर्य, सहनशीलता, त्याग इत्यादि का भण्डार हो l बहुत
से सम्बन्ध ऐसे होते हैं जिनको पूरी उम्र देनी पड़ती है और बहुत सारे सम्बन्ध तो हमेशा
तलवार की धार पर ही रहते हैं l तात्पर्य यह की
सम्बन्ध बनाना और बने हुए संबंधों को ज़िंदा रखना बहुत चुनौती भरा होता है l
2014
से 2019 के बीच देश में राजनीति की कुछ ऐसी बिसात बिछी कि वर्षों से स्थापित संबंधों
में मतभेद बढ़ने लगे और 2019 लोकसभा चुनावों तक तो ये देश में कहर बरपा रहे हैं l मात्र
गिनती के कुछ लोग हैं जिन्होनें संबंधों के इस ताने बाने को अपने व्यक्तिगत राजनीति
लाभ के लिए ध्वस्त कर दिया है l लेकिन वो देश के दो प्रचलित मुहावरे "जो बोयेगा
वही काटेगा" और "जैसी करनी वैसी भरनी" को शायद भूल गए l
इन
बीते पांच वर्षों में देश में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसको किसी ना किसी संबंधों में नुक्सान ना
उठाना पड़ा हो l हालत ये हो गयी है कि परिवार के सदस्यों के बीच भी क्लेश होने लग गए
हैं जो कि बहुत ही दुर्भाग्य की है । यह मेरा स्वयं का व्यक्तिगत अनुभव भी है l कई
संबंधों में दरार आ गयी और कई तो समाप्त ही हो गए l एक तरफ जहाँ मुझे इस बात का दुःख
है तो दूसरी तरफ इस बात कि ख़ुशी भी है कि इनके वौद्धिक स्तर का पता चल गया और पढ़े-लिखे
मूर्ख लोगों से पीछा छूट गया l
देश
में अंध भक्ति की ऐसी आंधी चला दी गयी है कि किसी से खुलकर कोई बात करने से पहले कई
बार सोचना पड़ता है कि कहीं सामने वाला बुरा ना मान जाय हालत इतनी बदतर हो गयी है कि
पति-पत्नी-बच्चों के बीच भी तकरार होने लग गयी है l कारण देश के चंद नेता लोग और उनकी
विचारधारा-मानसिकता-कार्यशैली l
अंततः
मेरा सभी पाठकों और देश वासियों से निवेदन है कि इन नेताओं के चक्कर में वर्षों से
बने अपने मधुर आपसी संबंधों में दरार ना आने दे l क्योंकि इन नेताओं का एक ही सूत्र
है कि "सत्ता के लिए कुछ भी करेगा" और इन्होंने इसको आत्मसाध कर लिया है
l
अतः
आप अपने संबंधों के लिए "नेताओं के लिए कुछ भी नहीं करेंगें" के
सूत्र को आत्मसाध कर लीजिये l संभल कर बचा सको तो बचा लो अपने संबंधों को इन मौका परस्त
नेताओं के छल-कपट से अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहिये और "बहुत कुछ खो कर कुछ सिखने की प्रवृत्ति"
नामक कहावत को चरितार्थ करते रहिये …???
अग्रिम
शुभकामनाएं एवं धन्यवाद !
लेखक एवं प्रस्तुति
सुभाष वर्मा
Writer-Journalist-Social Activist
www.loktantralive.in
Comments
Post a Comment